मोहम्मद शमी एक साल के लंबे अंतराल के बाद बंगाल के लिये रणजी ट्रॉफी में वापसी के लिए तैयार हैं।

मोहम्मद शमी

मोहम्मद शमी एक साल के लंबे अंतराल के बाद बंगाल के लिये रणजी ट्रॉफी में खेलते हुऐ नजर आयगे और वो मध्य प्रदेश के खिलाफ खेलते हुऐ नजर आएगे जिसे बंगल की टीम की गेंदवाजी काफी मजबूत हुई है और एनसीए द्वारा उनकी वापसी को मंजूरी दे दी गई है,

मोहम्मद शमी की वापसी: लगभग एक साल बाद क्रिकेट मे वापसी

भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद बुधवार को बंगाल के लिये मैच खेलते हुऐ नजर आएगे और शमी लगभग एक साल के बाद मैदान पर वापसी करने जा रहे है जो पछले साल इन दिनों मे ही वर्ल्ड कप के बाद से मैदान से दूर है क्युकी घुटने मे इंजरी थी और फिर इंजरी इतनी बाद गयी की मोहमद शमी को अपने घुटने की इंजरी के लिये सर्जरी करनी पडी इसलिए मोहमद शमी ने इन दिनों मे कोई भी मैच नहीं खेला है और फ़िलहाल ही के दिनों मे उन्होने कहा था की उनको जो भी मैच मिलेगा वो मैच खेलना पसंद करेंगे वो मैच रणजी ट्रॉफी का ही किऊ ना हो किउकी उसे उनको फॉर्म मे आने मे काफी मदद मिलेगी मोहमद शमी ऑस्ट्रिलया के टूर पर भी उनका टीम मे सेलेक्शन नहीं हुआ क्युकी उनकी फिटनेस पर सवाल था

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले शमी की फिटनेस पर कड़ी नजर रखी जा रही थी

भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी लगभग एक साल बाद मैदान पर वापसी करने के लिए तैयार हैं। उन्हें 13 नवंबर से शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी के अगले मैच के लिए बंगाल टीम में शामिल किया गया है। यह मैच इंदौर में मध्य प्रदेश के खिलाफ होगा, और शमी का यह पहला मैच होगा, जो पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे विश्व कप फाइनल के बाद उनका पहला मुकाबला होगा। हालांकि, शमी की फिटनेस पर निगरानी रखी जा रही है, खासकर 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के मद्देनजर। हालांकि, उन्हें पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम में नहीं चुना गया है। शमी ने कहा था कि वह रणजी ट्रॉफी के एक या दो मैच खेलकर अपनी फिटनेस साबित करने के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरने की उम्मीद कर रहे हैं।इस साल रणजी ट्रॉफी सीजन को दो भागों में बांटा गया है, और सफेद गेंद वाले टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले सिर्फ एक दौर बचा है। इसलिए शमी के पास केवल एक लाल गेंद वाला मैच खेलने का मौका है, जिससे वह अपनी फिटनेस साबित कर सकेंगे।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पूरी तरह बाहर हो जाते हैं,

मोहम्मद शमी पिछले कुछ महीनों से चोटों से उबर रहे थे। उन्होंने मार्च में अपने दाहिने पैर की सर्जरी करवाई थी, और इसके बाद से वे बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में अपनी फिटनेस पर काम कर रहे थे। शमी ने अकिलीज़ टेंडन की चोट से उबरने के बाद वनडे विश्व कप में भाग लिया था, जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 7 मैचों में 24 विकेट लिए और 10.70 की औसत से टूर्नामेंट के शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। इसके बाद, उन्हें टखने की सूजन और साइड स्ट्रेन जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें और समय तक आराम की जरूरत थी। अब, शमी रणजी ट्रॉफी के आगामी मैचों के जरिए अपनी फिटनेस को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर वे इन मैचों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो यह संभव है कि उन्हें भारत की टेस्ट टीम में जगह मिल सके। वर्तमान में, टीम में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, प्रसिद्ध कृष्णा, हर्षित राणा जैसे तेज गेंदबाज शामिल हैं, और मुकेश कुमार, नवदीप सैनी, और खलील अहमद रिजर्व के रूप में उपलब्ध हैं। शमी को सितंबर में बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान वापसी की उम्मीद थी, और उनका नाम दुलीप ट्रॉफी के लिए भी लिया जा रहा था, लेकिन बाद में उनके बाएं घुटने में सूजन आ गई, जिससे उनकी वापसी में थोड़ी देरी हुई। अगर शमी इस बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से बाहर रहते हैं, तो उम्मीद की जा रही है कि वह अगले साल जनवरी में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में वापसी कर सकते हैं, जो चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उनका आखिरी बड़ा मुकाबला हो सकता 

मोहम्मद शमी ने खुद इस बात की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर दी

मोहम्मद शमी के लिए हाल के कुछ महीने काफी चुनौतीपूर्ण रहे हैं। उन्हें पहले न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज में वापसी करने की उम्मीद थी, लेकिन बाएं घुटने में सूजन के कारण उनकी वापसी में देरी हो गई। इससे उनके लिए ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में भारत की टेस्ट टीम में जगह बनाने की संभावना भी कम हो गई। इस बीच, शमी ने कुछ सप्ताह पहले यह कहा था कि उन्होंने अपनी “100%” गेंदबाजी शुरू कर दी है और परिणाम भी अच्छे रहे हैं, लेकिन चोटें लगातार उनकी राह में आ रही थीं। इसके बाद, शमी को रणजी ट्रॉफी के सीजन के चौथे मैच से पहले बंगाल टीम में शामिल किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें साइड स्ट्रेन के कारण बाहर कर दिया गया। इस चोट के कारण उनका ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में देर से शामिल होने का सपना भी अधूरा रह गया। लेकिन हाल ही में एक नई उम्मीद जागी है। मंगलवार को एक नए घटनाक्रम ने भारतीय टीम में उम्मीद की किरण जगा दी। शमी अब अपनी फिटनेस साबित करने के लिए रणजी ट्रॉफी के मैच में खेलेंगे, और अगर वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उनकी वापसी संभव हो सकती है। भारतीय टीम पहले ही 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के पहले टेस्ट मैच की तैयारी के लिए ऑस्ट्रेलिया में है। शमी के लिए यह रणजी मैच एक अहम मौका हो सकता है, क्योंकि एक अच्छा प्रदर्शन उन्हें तुरंत ऑस्ट्रेलिया के लिए फ्लाइट पर चढ़ने का मौका दे सकता है।

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